Monday, December 8, 2014

सच

सात अधूरे सच
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यात्रा बिंदु से बिंदु की है
चित्र में
वृत्त आयत वर्ग रेखा
हो सकता है
कोई एक
निर्भर करता है
समय की सुखद
अनुकूलताओं पर।
***
सच और झूठ
एक ही बात या घटना के
दो संस्करण है
हमारा चयन कितना
तटस्थ है
यह नितांत की
संयोग का मसला है।
***
विश्वास छल का
बंधुआ मजदूर है
जो जितने छले गए
उतने बड़े अविश्वासी
और उतने बड़े
विश्वासी।
***
समय रचता है भरम
मनुष्य रचता है अपेक्षा
दोनों मिलकर
देखना चाहते है
मनुष्य को मजबूर।
***
जन्म और मृत्यु
मनुष्य के निर्वासन के
मध्य की यात्रा है
उस निर्वासन की
जिसे ईश्वर देता है
वरदान की शक्ल में।
***
अतीत का मोह
वर्तमान को जीने नही देता
भविष्य की चिंता
वर्तमान को मरने नही देती
समय के सारे षडयंत्र
वर्तमान के विरुद्ध होते है।
***
खुद को तलाशना
बाहर
खुद से भागना
अंदर
खुद से अज्ञात रहनें के
आसान तरीके है
मनुष्य जिन्हें पसन्द
करता है बेहद।

© डॉ. अजीत

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