Tuesday, December 9, 2014

बोलचाल

चंद लड़ाईयां वाया बोलचाल
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उसने कहा कॉफी
पियोगे
मैंने कहा नही
मुझे चाय पसंद है
उसने चाय और कॉफी मिलाकर बनाई
अब ना वो चाय थी ना कॉफी
उसकी ऐसी जिद
हैरानी और प्यार से भरती थी मुझे।
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उसने कहा
वेज खाते हो या नॉन वेज़
मैंने कहा शुद्ध शाकाहारी हूँ
फिर उसने
नॉन वेज मेरे सामने बैठकर खाया
मगर बोन लैस।
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उसने कहा
चाय पीते वक्त
आवाज़ बहुत करते हो तुम
मैंने कहा हां आदत है
फिर उसने कहा
ये आदत कभी मत छोड़ना
चाहे मै भी कहूँ।
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उसने कहा
रुमाल क्यों नहीं रखते तुम
मैंने कहा
आदत नही है
उसने कहा
हर वक्त मेरे पास
कॉटन का दुपट्टा नही होता है
आदत बदल लो अपनी।
***
उसने कहा
फोन क्यों नही रिसीव करते तुम
मैनें कहा
वाइब्रेशन मोड पर था
उसने कहा ये मोड बदलों जल्दी
फोन को रखों रिंगिंग मोड पर
और खुद को वाइब्रेशन मोड पर
आजकल तुम्हें महसूस नही पा रही हूँ मैं।
***
उसने कहा
कंधे झुकाकर क्यों चलतें हो
मैंने कहा कद की वजह से
उसने कहा
कद हद पद की परवाह मत किया करों
परवाह ही करनी है तो
मेरी गर्दन की करों
जो तुम्हारी वजह से हमेशा
ऊंची रहती है।
***
उसने कहा
बहुत कम बोलते हो
इतना चुप रहना अच्छा नही होता
मैंने कहा
ऐसा ही हूँ मै
उसने कहा
ऐसे ही रहना हमेशा
तुम्हें बदलना नही
तुम्हारे संग संवरना चाहती हूँ मैं।
***
उसने कहा
बाल बहुत छोटे रखते हो
फौज़ में भर्ती होने का
कोई अधूरा सपना है क्या
मैंने कहा
नही लम्बें बाल पसन्द नही है
उसने अनमना होकर कहा
कभी दुसरे की पसंद का भी
ख्याल रखना चाहिए तुम्हें।
***
उसने कहा
तुम इतने बोरडम से
क्यों भरे रहते हो
मैंने कहा
भरा हुआ ही तो हूँ
खाली तो नही हूँ
उदास होकर वो बोली
थोड़ी जगह खाली करों
मुझे आना है अभी इसी वक्त।
***
उसने कहा
मुझसे कभी मत मिलना
आज के बाद
मैंने कहा
ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी
वो गुस्सें में भी हंस पड़ी
और बोली
मेरी मर्जी की परवाह करने वाले से
एक बार तो मिलना ही पड़ेगा।

© डॉ. अजीत

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