ऐतराज़ बढ़ने लगे है
खुदी से लड़ने लगे है
डरो मत गुफ्तगु से
हम सिमटने लगे है
दोस्तों के बीच हमारे
इश्तेहार बंटने लगे है
बदल गए तेवर तेरे
हम अब घटने लगे है
सफाई तौहीन है अब
यकीं में मरने लगे है
© डॉ. अजीत
खुदी से लड़ने लगे है
डरो मत गुफ्तगु से
हम सिमटने लगे है
दोस्तों के बीच हमारे
इश्तेहार बंटने लगे है
बदल गए तेवर तेरे
हम अब घटने लगे है
सफाई तौहीन है अब
यकीं में मरने लगे है
© डॉ. अजीत
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